International Journal of Advanced Research and Development

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International Journal of Advanced Research and Development
International Journal of Advanced Research and Development
Vol. 4, Issue 2 (2019)

बघेलखण्ड की भौगोलिक स्थिति का समीक्षात्मक अध्ययन


डाॅ0 जितेन्द्र सिंह

भूगोल किसी भी सभ्यता और संस्कृति के निर्माण में अहम् भूमिका निभाता है। विध्यांचल का यह महत्वपूर्ण अंग बघेलखण्ड भौगोलिक दृष्टि से अत्यधिक सुरक्षित राज्य रहा है। यहां की वनाच्छादित घाटियां, पठार एवं मैदान समय-समय पर विविध सभ्यता और संस्कृति के केन्द्र रहे हैं। बघेलखण्ड पठार की पहाड़ियों में कैहेजुआ पठार, जिसकी प्रमुख चोटी है रानीमुण्डा, जो समुद्र तट से 1176 फुट ऊँची है। इसी क्षेत्र में कुछ बड़े-बड़े डोंगर हैं यथा रेमाल, चैफाल, वामदेव व पवयागढ़ आदि, जहाँ सभ्यता ने ठहर कर साँस लिया है। फलतः उसके अवशेष इस अंचल में बिखरे मिलते हैं। उल्लेखनीय है कि सोन के पश्चिम में बनास और पूर्व में गोपद नदियाँ बहती हैं जिनके बीच की भूमि गोपद-बनास में सभ्यताओं के पग ढूँढ़े जा सकते हैं, जिनमें शैव उप-पीठ चन्द्रेहे प्रमुख है।
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डाॅ0 जितेन्द्र सिंह. बघेलखण्ड की भौगोलिक स्थिति का समीक्षात्मक अध्ययन. International Journal of Advanced Research and Development, Volume 4, Issue 2, 2019, Pages 16-18
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